अधूरी मौहोब्बत
जब आपकी मौहोब्बत किसी और की होने लगे
जीने की ख़्वाहिश अंधेरो में खोने लगे
जब आपकी साँसों को कोई और जीने लगे
दिल के ज़ख्मो को जब खुद आप सीने लगे...
जब उसे खो कर भी दिल धड़कता हो
जैसे बिन चांदनी के चाँद तड़पता हो
जब रातों को आप सिसकिया लेकर सोने लगो
हँसते -हँसते जब आप रोने लगो
जब हर दर्द का मरहम वो हो जाए
उसके ख्वाबों में जब जिंदगी खो जाए
आपका होना ही आपको गद्दारी लगे
उसके बिन जब सब लाचारी लगे
जब हाथ सिर्फ आँशु पोछने के काम आने लगे
उसके ख़्वाब हर पल जब सताने लगे
और जब सब कुछ ऐसा ही हो जाता हैं
तब एक लड़का सच्चा आशिक़ कहलाता है।
और तभी कोई कह दे की ये मौहोब्बत है।
उससे जादा मुझे खुद से शिकायत है।
क्योंकि.....
जिनका प्यार पूरा हो जाता है।
वो हसीं ख़्वाब में खो जाता है।
और अधूरी मौहोब्बत का दर्द जो सहता है।
ख़ामोश रहकर भी वो सब कुछ कहता है।
पूरे और अधूरे प्यार की बस इतनी सी कहानी है।
जिसे मिल जाये वो राजा
वरना मीरा तो दीवानी है....
-ब्लेंक राइटर
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