बहती हवाओं का रुझान

बहती हवाओं का रुझान मुझमे में
एक अनकहा बयान मुझमे है.

जो मेरे साथ है वो लोग भी नहीं जानते
एक तड़पता हुआ इंसान मुझमें है।

ना इंसान हूँ अब मैं,कि वो भगवान बन बैठे
उस भगवान से परेशां, शैतान मुझमे है।

उन्हें ना वक़्त है,ना फ़िक्र,ना ही प्यार अब मुझसे
यहाँ दिल रोज़ जलता है,बहुत अरमान मुझमे है।

लगा दो अब अदालत तुम,मुकदमा हमको लड़ना है।
मौहब्बत की वफ़ा के ढेर सारे बयान मुझमे है...
-ब्लेंक राइटर

Comments

Popular Posts