कुछ कहना है

में जो कहता हूँ
वो होता नहीं
जो होता है वो कहता नहीं
में हूँ तेरे जैसा
या तू मेरे जैसी
ना तुम कहती है।
ना में कहता हूँ।

धीरे धीरे तुझको मिलना
मिलने पर ये तुझको कहना

कहते कहते चुप हो जाना
चुपके चुपके तुझको तकना...
करता हूँ बार बार
क्यों करता हूँ मेरे यार....
क्या यही है प्यार...

जो प्यार है तो इक़रार करो
चाँद निकले छत पर मेरा इंतज़ार करो...
मुझे प्यार करो
हर बार करो
बेशुमार करो...
-ब्लेंक राइटर

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