वादा मौहोब्बत का

जो हमें छोड़ देते है।
वो हमें तोड़ देते है।
यही ज़ख्म फिर हमें
ज़िन्दगी से जोड़ देते है....

जो हमें छोड़ देते है
उन्हें मालूम ही क्या है...
हम खामोश रहते है पर
रुख हवा का मोड़ देते है..

जो निखरे टूट का इंसा....
बहुत आगे वो जाता है
ज़मी ना छोड़ता अपनी
गगन को चूम आता है...

गगन को हम भी चूमेंगे
हमारा नाम भी होगा
हमारे नाम से फिर कुछ
तुम्हारा काम भी होगा....

तुम्हारे काम आते थे
तुम्हारे काम आयेंगे
है वादा तुमसे मेरी जान
कि हर वादा निभायेगे

मौहोब्बत तुमसे की है और तुम्ही पर जां लुटाएंगे
कि मर के भी तुम्ही से इश्क़ अपना हम निभायेगे
-ब्लेंक राइटर

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