World poetry day
वो कविता नहीं खुद को लिखता है
पैसो में नहीं वो दर्दो में बिकता है।
कवि की कल्पना से दूर अब तुम जाओगे कैसे...
उसे बंद आँखों से भी सब दिखता है
वो लिखता है सिर्फ लिखता है.....
कवि का नाम होता है
दिलों का काम होता है...
दिलो का टूटना तो अब
बहुत ही आम होता है...
कि टूटे दिल को जो लिख दे
कलम मोहताज़ हो उसकी...
फिर निकले शब्द दिल से जो
हो शबदो में रज़ा रब की..
-ब्लेंक राइटर
Happy world poetry day
Comments
Post a Comment