Women and fake Empowerment
'कभी ख़ुशी कभी गम' फिल्म में पू ने कहा था 'गुड लुक्स, गुड लुक्स एंड ओनली गुड लुक्स' बिना दोगलेपन के इतनी सच्चाई के साथ अपनी बात कह पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता। मैं पू की बेहद इज्ज़त करता हूँ. हम इंसानों के विकास का इतिहास हजारो साल पुराना है और इस दौरान ये पाया गया कि रिश्तों की कदर करना हम भूलते जा रहे है. आज बात एक ऐसे रिश्ते के बारे में जिस रिश्ते का आगाज़ और अंत दोनों ही झूठ के साथ होता है. हजारों सालो से प्रेम पर न जाने कितनी ही झूठी कविताएं, गाने और शेर लिखे जा रहे है. गार्डन से फेसबुक और अब तो जीमेल तक में आज के ज़माने के लैला मजनू साथ जीने मरने की कसमे खा रहे है. जबकि सच्चाई तो यह है की लड़की के बापू ने शर्मा जी के लड़के से बिटिया की शादी के गहने जोड़ना चालू कर दिया है. शर्मा जी का लड़का सरकारी नौकर है. ज्यादातर महिलाओं के लिए प्यार में तीन चीज़े बहुत ज़रूरी होती है , पैसा , पैसा और गुड लुक्स. परन्तु अंतिम सत्य यह है कि पैसा हो तो बंदा गुड लुकिंग तो हो ही जाता है. तो परम सत्य यह हुआ कि पैसा , पैसा और पैसा।
प्यार
एक पूंजीबादी विचार है , तभी तो सदियों से लड़कियों के ख्वाबों मे सिर्फ राजकुमार आते है
कोई मजदूर नहीं।
पुरुषों
पर महिलाओं का ये आरोप होता है कि पुरुषों को महिलाओं से सिर्फ शारीरिक चाह होती
है कुछ हद तक ये बात सही भी है परन्तु अगर सिर्फ ऐसा होता तो
दुनिया का कोई भी पुरुष कभी शादी नहीं करता। बाज़ार में शारीरिक सुख बहुत सस्ते
दामो मे उपलब्ध है और वैश्विकरण के इस दौर मे तो बाजारों में देसी के साथ साथ विदेशी भी उपलब्ध है , हाँ थोड़ी महंगी है पर आम बजट मे रशियन सस्ती करने को लेकर मांग
उठी भी है. उम्मीद है जल्द ही सीमा शुल्क को कम करके रशियन सस्ती की जाएगी. सच तो
यह है कि पुरुष प्रेम करता भी है , समझता भी है और निभाता भी है. पुरुष दिल से प्रेम करता है और
औरत दिमाग से तभी तो सात साल किसी रिश्ते मे रहने के बाबजूद भी लड़की व्यवस्था
विवाह कर लेती है और फेरों से पहले अपने प्रेमी जिसके साथ वह सातों फेरे और सातों वचन ले चुकी है , उस
पति परमेश्वर से कहती है ' बाबु
मैं मजबूर हूँ मैं अपने माँ बाप की इज्ज़त नहीं उछाल सकती। ये जिन्दगी मैं अपने माँ बाप के नाम कर रही हूँ पर अगले सारे
जन्म में मैं तुम्हारी रहूंगी सिर्फ तुम्हरी। मेरा जिस्म तो वो पा लेगा लेकिन मेरी आत्मा सिर्फ तुम्हरी
रहेगी , मेरी
हर सांस के साथ मैं तुम्हारा नाम ही लूंगी। और वही लड़की शादी के अगले दिन ही अपने नए पति के साथ फोटू स्टेटस पर लगा कर
कैप्शन लिखती है " वर्ल्ड बेस्ट हबी , थैंक्यू गॉड फॉर सेंडिंग हिम इन माय लाइफ मुआआआआआआआह ' महिलाओं
को एक से निकल कर दुसरे और दुसरे से तीसरे पर पहुँचने में वक़्त नहीं लगता इस मामले
मे पुरुष कमज़ोर होते हैं वे मूव ऑन नहीं कर पाते। महिलाओं को दोस्ती करना , निभाना
नहीं आता तो प्यार मे क्या ही उम्मीद की जा सकती है. मर्द दोस्ती में समय, पैसा, जान
सब लुटा सकता है. आदमी होना मुश्किल ही नहीं बेहद मुश्किल है.
पिंक और
बेबी पिंक के अंतर को जीवन का संघर्ष मान लेनी वाली लड़कियों को क्या मालूम कि जीवन
की जिम्मेदारी का बजन क्या होता है.
मुझे उन मर्दों से नफरत है जो अपनी पूरी जवानी अपना भविष्य बनाने मे खर्च कर देते हैं और फिर एक खूबसूरत लड़की से शादी कर लेते हैं. उन मर्दों ने ही यह समाज और लड़कियों की समझ दोनों खराब कर रखी है. लड़के कैसे भूल जाते है कि जब आप रात रात भर जाग के पढ़ रहे थे, जब आप घर की जिम्मेदारियों के खातिर पार्ट टाइम नौकरी कर रहे थे, जब आप सिर्फ इसीलिए नए कपडे नहीं खरीद रहे थे क्यूंकि महीने भर खाने का हिसाब भी देखना है. तब वही लड़की अपने बाबु के साथ लॉन्ग ड्राइव पर घूम रही थी, एक ही कोक मे दो स्ट्रॉ डाल कर पी रही थी, क्लब में बादशाह के गाने 'घर हो रही हूँ बोर तू लगा ले थोडा जोर डिस्को में नाचने को मन करे हार्डकोर हाँ मै डैडी को सुला के अपनी मम्मी को पटा के आ जाऊँगी तुझसे मिलने ड्रेस मिनी वाली पा के जानू कुछ भी तू कर मुझे नहीं रहना घर बेबी मुझे मेरे घर से उठा ले जानू आज रात का सीन बना ले ' पर फुल भंड होके नाच रही थी। क्यूंकि उसको इस बात का इल्म है कि तुम जैसा कोई हूतिया उसके लिए अधिकारी बन रहा होगा। हाँ तो भविष्य के सभी कलेक्टर , डॉक्टर, इंजिनियर , लडको से गुज़ारिश है कि लड़की से शादी करने से पहले यह ज़रूर देख ले कि क्या वह आपके संघर्ष को समझ पायेगी। क्या सिर्फ ख़ूबसूरती से शादी करने के लिए आपने इतनी मेहनत की थी? आप अपनी अनगिनत रातें गला कर अफसर बने और वो सिर्फ आपसे शादी करके अफसाराइन बन जाएगी. आज समाज मे यही हो रहा है , सरकारी नौकरी और खूबसूरत लड़की की शादी होती है। मेरी नजरो में वो तमाम अफसर मुर्ख है , अनपढ़ है. और सनद रहे अपनी मेहनत से किसी मुकाम पर पहुचे हर पुरुष द्वारा खोखली मेकअप से पुती सुन्दरता को ठुकराना समाज हित मे होने के साथ साथ उन महिलाओं के हित मे भी है जिनकी रूममेट को ऐश ओ आराम करते देख भी वह मेहनत करती है और खुद की अलग पहचान बनाती है .
हर लगनशील और मेहनती महिला को मेरा सलाम
पहुंचे.
"ओये सुन मेरी बात इट्स हर चॉइस' वाली फर्जी महिलाओं का एक अलग वर्ग है जिसने महिला सशक्तिकरण के नाम पर इतनी गंध फैला रखी है कि पूरा समाज उस गंध से बर्बाद हो रहा है. नग्नता को सफलता के लिए हतियार की तरह उपयोग करने वाली लड़कियों को अगर रोका नहीं गया तो बेहद जल्द ये समाज पूरा नंगा हो जाएगा . पूनम पाण्डेय , उर्फी जावेद और ऐसी अनगिनत महिलाओं को अगर आज उनकी सही जगह पर नहीं फेका गया तो कल हर लड़की कपडे उतार कर सफल होने कि राह पर चल निकलेगी. हमरा दुर्भाग्य है कि हमारा समाज कल्पना चावला, लक्ष्मी सहगल ,सावित्री बाई फुले को नहीं जानता. हमें दोनों वर्गों की महिलाओं को जानना होगा यह जानने के लिए कि 'ओये सुन मेरी बात इट्स हर चॉइस' वाले वर्ग की महिलाओं की औकात मज़बूरी मे जिस्म बेचती वेश्या जितनी भी नहीं. सिर्फ अपने शरीर पर नाज करने वाली महिलाओं को पियूष मिश्रा जी की एक कविता ज़रूर पढनी चाहिए जो कि इस प्रकार है
"जितना बचपन सच उतना ही प्रेम निवेदन भी सच है और प्रेम निवेदन सच है, तभी
तो यह चंचल यौवन भी सच है यौवन जो अगर सच होंगे, तो प्रौढ़ वर्ष भी सच होंगे । और प्रौढ वर्ष जब सच होंगे, तो
सच होगा उनके संग... कुछ गिरे दात और पोपल मुह और काँपती देह की थरक थरक । तुम गल़गल़ बुढीया बन जाओगी सीना ढलढल ढल जाएगा ये तनें उरुजों
कि चोटि जब हाँफ रही होगी थककर और शाम रंग-ए-चमकीला बीता कल बन जाएगा
और क्षीण कटी (सम्भव है) इतनी क्षीण न रह पाए सखी और कसे नितम्बों कि तान खतम हो
जाए सखी । और सुँढ सी चिकनी जंघा में जब पढी दरारें होंगी हाँ और स्नेहा
केश में चांदी कि अनगिनत कतारें होंगी हाँ और प्रिए सारे तब तक दुरी पर छिटक चुकें
होंगे तुमसे जो होंगे वह कर्तव्य-बन्धे मृत्यु कि आश में गुमसुम से । तब तुम किसी
मुँधेर पे बैठी घुप अंधेरा ताकोगी जिसमें गुम होंगे कितने पल जो बीत गए सालो पहले
कुछ याद रहे, कुछ भुल गए नाती-पोतो कि पें-पें में कुछ निपट गए, कुछ
झुल गए । फिर तुम गुमसुम सी सीढी पर से धीमी-धीमी सी उतरोगी एक जंग लगा
संदुक खीँचकर कुछ-कुछ, कुछ-कुछ ढुँडोगी और हाथ पढेंगे ये पन्ने जो सालो पहते लिखे गए
कुछ धुँधले अक्षर, शब्द अधुरें ओ सुने गए, कुछ पढ़े गए । कुछ धुँधली बातें, धुँधले मौसम धुँधली यादें तैरेंगी और मुस्कानों में भीगभीग
पलकों पे साँसे तैरेंगी और, तभी कही एक तुतलाती -सी आवाज लगेगी "दादी माँ !" तुम
गाल पे ढुलके आँसु को धीरे से पोंछकर उठलोगी जो बीत चुँका, वह
क्यु बीता यह कसक साथ में लेकर तुम उस नन्हें बच्पन को गोदी में चिपका-चिपका के
घुमोंगी । और तब आएगा याद तुम्हें कभी किसी ने बोला था, कि
"यौवन इतना सत्य नहीं, वह एक बार ही आता है... एक बचपन ही है जो शृष्टि के आदी से अंत
तक जाता है ।" यौवन तो सारा बीत चला पर बचपन होगा कहीं बचा 'गर ढुंढोगी, तो
मिल जाएगा मेरे पन्नो से, मुड़ा-तुड़ा उसको अगर जिन्दा रख़ पाई इस बड़े काल के अंतर में
तो प्रेम निवेदन सारे जिन्दा हो जाएंगे पल भर में । क्योंकि, जितना बचपन सच उतना ही प्रेम निवेदन भी सच है और प्रेम निवेदन
सच है, तभी तो यह चंचल यौवन भी सच है यौवन जो अगर सच होंगे, तो प्रौढ़ वर्ष भी सच होंगे । और प्रौढ वर्ष जब सच होंगे, तो सच होगा उनके संग... कुछ गिरे दात और पोपल मुह और काँपती
देह की थरक थरक"
दरअसल
ये औकात है सुन्दरता की.
ऐसा
कहते है औरत की परीक्षा तब होती है जब उसके प्रेमी के पास कुछ नहीं होता और पुरुष
की परीक्षा तब होती है जब उसके पास सब कुछ होता है. इतिहास के पन्नो को पलट कर
देखेंगे तो हम पायेंगे की 95 फीसदी मामलों मे पुरुष इस परीक्षा मे खरे उतरे है और
95 फीसदी मामलो मे महिलाए फ़ैल साबित हुई है. परन्तु वह महिलाएं बेहद इज्ज़त और
दुनिया के हर सुख की हक़दार है जिन्होंने संघर्ष के दिनों मे अपने प्रेमी का साथ
नहीं छोड़ा. एक कहावत बड़ी प्रचलित है कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता
है. दरअसल दुनिया आज तक उस "एक औरत" को प्रेमिका या पत्नी समझती आई है जबकि सच तो है कि हर कामयाब आदमी के पीछे कई लोगों का
हाथ होता है और उन हाथो में माँ , शिक्षक , दोस्त , परिवार
सब का योगदान होता है. प्रेमिका और बीवी का हाथ 90 फीसदी मामलों मे जिन्दगी बर्बाद करने मे होता है न कि आबाद
करने में .10
फीसदी औरतें ही अपने साथी को शाहरुख़ खान
बना पाती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि शाहरुख़ खान के बादशाह बनने मे गौरी खान का सबसे एहम योगदान है. और आज गौरी खान दुनिया कि सबसे खुशनसीब महिलाओं मे से एक है
क्यूंकि उसने बनते हुए शाहरुख़ का हाथ थामे रखा . बनता हुआ शाहरुख़ खान हर किसी को
पसंद नहीं आता . और हर वो लड़की जो बनते हुए शाहरुख़ शाहरुख़ खान को पहचान कर उसका
हाथ नहीं छोडती वह आगे चल कर गौरी खान कहलाती है. पुरुष के पास अगर सब कुछ हो तो उसकी जय जय कर होती है परन्तु
अगर उसके पास कुछ न हो तो उसे कोई नहीं पूछता. अकेले जिन्दगी जीना अगर एक कला है
तो पुरुष उसका सबसे उत्तम कलाकार . बिखरते , टूटते ,
हारते मर्द को औरत ठुकरा कर चली जाती है
और यदि वह मर्द सफल हो जाता है तो वह औरत लौट आती है , मर्द मूर्ख होता है उसे माफ़ कर देता है . शादी मे ज़रूर आना
फिल्म का सत्तू मूर्खो का सरताज है.
जाकिर
खान भाई का एक शेर याद रखो और बढे चलो कि
तेरा बेवफा होना मेरे रब को भा गया ,तूने मुझको छोड़ा देख मैं किस मुकाम पर आ गया
सख्त
बनना है , सत्तू नहीं.
'
और
सत्य तो यह है कि अपनी ज़रूरतों की पूर्ति ही प्यार है.
(यह मेरे व्यक्तिगत विचार है आप सहमत एवं असहमत हो सकते हैं।)
-संकल्प जैन
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(I have immense respect for all those women who respect their body, mind and life.)
Girls who consider the difference between pink and baby pink as the struggle of life do not know what the weight of responsibility in life is.
In the movie "Kabhi Khushi Kabhi Gham," Poo said, "Good looks, good looks, and only good looks." It is not possible for everyone to say their words with so much truth without hypocrisy. I respect Poo very much. The history of human development spans thousands of years, and it was discovered that we had forgotten to value relationships during this time. Today we are going to talk about a relationship that begins and ends with lies. I'm not sure how many false poems, songs, and lions have been written about love over the course of thousands of years. Today's Laila Majnu swears to live and die together, from Garden to Facebook and now to Gmail.while the truth is that the girl's father has begun tying her marriage ornaments to Sharma ji's son. Sharma Ji's son is a government servant. For most women, three things are very important: love, money, and good looks. But the ultimate truth is that if there is money, then the person becomes good-looking. So the ultimate truth is that money, money, and more money
Love is a capitalist concept, which is why, for centuries, only princes have appeared in the dreams of girls, never laborers.
There is an allegation by women against men that men have only physical desire for women; to some extent, this is also true, but if only this were the case, no man in the world would ever get married. Physical pleasure is available in the market at a very cheap price, and in this era of globalization, it is available in domestic as well as foreign markets. Yes, it is a bit expensive, but demand has also been raised to make Russian cheaper in the general budget. It is expected that soon the Russian customs duty will be reduced and made cheaper. The truth is that a man loves, understands, and fulfills. Because a man loves with his heart and a woman with her mind, after seven years of dating, the girl marries in an arranged marriage, and before the rounds, she says to her husband God, with whom she has taken seven rounds and made seven promises. Hai, Babu, I am helpless; I cannot earn the respect of my parents. I am doing this life in the name of my parents, but in all the next lives, I will be yours and only yours. He will get my body, but my soul will only be yours. I will chant your name with every breath I take. And the same girl, on the very next day of marriage, puts a photo status with her new husband and writes the caption, "World's Best Hubby," "Thank God for sending him into my life, muaaaah." It doesn't take time; men are weak in this matter; they can't move on. If women don't know how to be friends, then what can be expected in love? Friendship is an investment of a man's time, money, and life. It is not only difficult to be, but it is extremely difficult.
Those girls who regard the difference between pink and baby pink as a life struggle are unaware of the weight of responsibility.
I hate those men who spend their whole youth building their future and then marry a beautiful girl. Those men have spoiled both this society and the understanding of girls. How did you forget that when you were up all night studying, working a part-time job to help with household responsibilities, and not buying new clothes just to pay for the food for the month? Then the same girl was walking with her dad on the long drive, drinking a coke with two straws, in the club dancing to Badshah's song, "Ghar ho rahi ho bor tu laga le thoda jor disco mein nachane ko man kare hardcore." Yes, I will put Daddy to sleep and come to meet you after getting a mini dress. Dear, whatever you do, I don't want to stay at home, baby. Pick me up from my house. Make a scene for tonight. because he is aware that someone like you must be becoming an officer for him. Yes, all future collectors, doctors, engineers, and boys are asked to consider whether they will understand their struggle before marrying a girl. Did you go to all that trouble just to marry the beauty? You become an officer by spending countless nights together, and she will become an officer only by marrying you. Today, this is happening in society: a government job and a beautiful girl get married. In my eyes, all those officers are fools and illiterates. And rest assured that every man who has achieved success through hard work by rejecting beauty through hollow make-up is acting in the best interests of society, as are those women whose roommates work hard despite seeing their roommates enjoy and relax. A separate identity is formed. My salute to every dedicated and hardworking woman
There is a different class of fake women with "Oye Sun Meri Baat, It's Her Choice," who have spread so much stench in the name of women's empowerment that the whole society is getting ruined by that smell. If girls are not stopped, then very soon this society will become completely naked.
If today Poonam Pandey, Urfi Javed, and countless other women are not thrown into their rightful place, tomorrow every girl will take off her clothes and walk on the path of success. It is our misfortune that our society does not know Kalpana Chawla, Laxmi Sehgal, or Savitri Bai Phule. We have to know the women of both classes to know that the condition of the women of 'Oye sun meri baat, it's her choice' class is worse than a prostitute selling her body. Only women who are proud of their bodies must read a poem by Piyush Mishra, which is as follows:
"As much as childhood is true, so are love requests, and if love requests are true, only then is this fickle youth true, a youth that, if true, will also be true in the adult years."And when the adult years are true, then they will be true with some fallen teeth, a papal mouth, and a trembling body. You will become a wobbly old woman, the chest will wobble, when the upper part of the trunks starts panting tiredly, and tomorrow's bright colors will fade further. (Perhaps) friend should not remain emaciated and tighten the buttocks to the point where the voice stops.And by the time there are cracks in the smooth thigh of the trunk, yes, and countless silver lines in Sneha's hair, yes, and dear, everything will have been scattered far and wide.Those who will be with you are bound by duty, lost in the hope of death. Then you will sit in some corner and watch the darkness, in which you will get lost. Something wobbled. Then, dragging the rusted chest down the deserted stairs, you'll find something, and more hands will read these pages, which were written years ago with some blurred ink.Some words were heard, some were read. Some hazy things, hazy weather, and hazy memories will float, and breath will float on the eyelids drenched in smiles, and then somewhere a bubbling voice will be heard, "Grandmother!" After wiping away the tears of what has passed, you will get up slowly, and you will take that little boy along with you in your lap. And then you will remember that someone once told you, "Youth is not so true, it comes only once... "There is only one childhood that goes from the beginning to the end of creation." Youth has passed, but childhood will be left somewhere 'If you search, you will find it in my pages, if you can keep it alive in this long gap, then all the demands of love will be alive in a moment. Because as true as childhood is, so is the request for love, and if the request for love is true, then this fickle youth is also true, and if it is true, then old age will be true.And when the mature years arrive, they bring some fallen teeth, a papal mouth, and a trembling body with them.
Actually, this is the state of beauty.
It is said that a woman is tested when her lover has nothing, and a man is tested when he has everything. Turning the pages of history, we find that men have passed this exam 95% of the time and women have failed 95% of the time.But the women who did not leave their lover's side in the days of struggle, deserve the utmost respect and all the happiness in the world. There is a saying that behind every successful man is a woman. In fact, the world has been considering "one woman" only as a girlfriend or wife, whereas the truth is that behind every successful man there are many people's hands, and in those hands, a mother, teacher, friend, and family all contribute. , In 90% of cases, a girlfriend or wife's hand is more concerned with ruining life than with settling it.Only 10% of women can make Shahrukh Khan their partner. It would not be wrong to say that Gauri Khan has made the most important contribution in making Shahrukh Khan a king. And today Gauri Khan is one of the luckiest women in the world, as she held Shah Rukh's hand while he was getting ready. Not everyone likes being made Shahrukh Khan. And every girl who recognizes Shahrukh Khan while still being Shahrukh Khan and does not let go of his hand later becomes known as Gauri Khan.If a man has everything, he is praised, but if he has nothing, no one asks him. If living alone is an art, then men are its best artists. Shattered, broken, and defeated, the woman leaves the man; if the man is successful, the woman returns; if the man is a fool, she forgives him. Sattu, the film's king of fools, must attend the wedding.
Remember one Zakir Khan bhai sher and move on.
My Lord liked your infidelity.
You abandoned me, and look where I ended up.
Have to be strict, not like Sattu. ,
And the truth is that fulfilling your needs is love.
(This is my personal opinion you can agree or disagree)
-Sankalp Jain
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