बोलता चाँद
क्या वो आलम होगा ख़ूबसूरती का...
ना जाने कैसे गुनगुनाएगी फ़िज़ाएं
गर कोई चाँद गाने लगे कोयल सी मीठी बोली..
गर कोई चाँद चहके इतनी मधुर आवाज़ में...
आज सुना एक चाँद को बोलते हुए,,..
मुस्कुराते हुए....
रेशमी ज़ुल्फों से छन कर झील सी गहरी आँखों में उतर कर
सुर्ख़ नर्म गालों से बहकर वो जो गुलाबी से होंठो पर हर पल
एक मुस्कान बिखरी रहती है।...
आप ख़ामोश रहो मुस्कान सब कहती है।
आप हँसती हो तो हवाएँ मुस्काती है।
ये फ़िज़ाएं प्यार के गीत गाती है।
हम ख़ामोश हर पल आपको सुनते रहते है।
अपनी हथेली पर आपका नाम बुनते रहते हैं।
ये ज़िन्दगी भी चहक जाती है।
रूह मेरी महक जाती है।
में चाहता हूँ आप मुस्काओ
मेरे लिए कोई प्यारा गीत गाओ
आप हँसती हो तो बहुत अच्छी लगती हो
कोमल दिल हो जिसका वो बच्ची लगती हो।
आप हँसती रहा करो अच्छा लगता है मुझे
कहती रहा करो सब सच्चा लगता है मुझे
जो आ ना मुस्काओ तो सब बेकार है।
जंग है ये ज़िन्दगी और मेरी हार है।
हर पल मेरी सिर्फ यहीं आशा है।
आप मुस्काती रहो यहीं अभिलाषा है।
सूरज की हर किरण सी आप जगमगाती रहो
आप मुस्कुराती रहो सिर्फ मुस्कुराती रहो।
हर पल प्यार के गीत गाती रहो
आप मुस्कुराती रहो...
सिर्फ मुस्कुराती रहो..
और मुस्कुराना ज़रा खुल कर...
वो जो हलकी हलकी आवाज़ मेरे कानो में शहद घोल जाती है।।
वो आपके मुस्कुराने की आवाज़
सुनी मेने आज...
लगा कोई मेरे कानो में शहद घोल रहा हो...
अब में क्या करू....
आप ही बताओ...
आपका चेहरा और आवाज़ दोनों ही मुझे बेचैन किये है....
देखना चाहता हूँ आपका चेहरा बार बार...
सुनना चाहता हूँ आपकी आवाज़ हर पल....
-ब्लेंक राइटर
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