वक़्त
पैसे की ठंडी हवाओ ने हमें आसमां पे सुला दिया
उस ग़रीब बाप को ख़ुशी ने भी गिला दिया
कोयले की खान में हीरा मिला उस बाप को..
बिटिया की चिंता में उसने हीरा जला दिया।
हम अमीरों के महल तूफानों में खड़े रहे
एक हवा के झोंके ने उसका झोपड़ हिला दिया
पैसों में जो बेचीं ना इज्ज़त उन बेटियों ने
लूट कर इज्ज़त उन्ही की हमने ये सिला दिया।
और बात गर जो तुम करोंगे हम अमीरों के प्रेम की
बंद कमरे में प्रेमिका को शराब-ए-जाम पिला दिया।
और कुछ जो बचा अगर तो लूट कर इज्ज़त उसी की mms बना दिया
-ब्लेंक राइटर —


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