आकाश , वायु , अग्नि , जल और पृथ्वी !

कभी देखो इस वृक्ष और हवा को
कितने ख़ुश है ना ये दोनों
एक दुझे के साथ।
कभी हवा का कोई झोंका आकर चूमता है वृक्ष को तो कभी हवा के तपेड़े हिला देते है अपने उसी प्यारे वृक्ष को....

और ये हवा इतना प्यार हर वृक्ष से करती है।

आकाश , वायु , अग्नि (सूरज), जल और पृथ्वी !

दुनिया की हर चीज़ इस पांच तत्वों से मिलकर बनी है।

और उन पांचो का अपना अलग ही महत्व है।
आज हम इंसान अपनी जिंदगी में ईन तत्वों को भूलते जा रहा है।

वृक्षो को काट रहे है।
जल व्यर्थ बहा रहे है।
आकाश में दनादन छेद करने मे लगे है।

यही वजह है की सूरज के क्रोध का पारा हर के दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है।

इज़्ज़त कीजिए इनकी
वरना जला देगी ये आग....

आग जो हमारे अंदर जल रही है।
-ब्लेंक राइटर

Comments

Popular Posts