तुम और चाँद

सोचो ज़रा कोई सोचता है तुम्हारे बारे में
एक परत जम गयी है तुम्हारी यादों की इन पलकों पर
आओ ज़रा महसूस करो तुम्हें भी अच्छा महसूस होगा।


और एक ये चाँद है जो अकेला अकेला सा प्रतीत हो रहा हैं मेरी तरह....
क्या सितारों ने तुमसे दोस्ती कर ली है...?चलो ठीक है तुम उन सितारों के लिये चाँद बन जाओ
और में इस चाँद का सितारा बन जाता हूँ।


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तुम अपना नया आसमां तैयार कर लेना।
हम उसी पुराने की मरम्मत कर लेंगे..।

तुम आओ कभी चाय नाश्ते पर फिर बेठ कर बाते करते है।
थोड़ा सा तुम मेरे दर्द को चख लेना ज़रा सा में भी स्वाद ले लूँगा तुम्हारे प्यार का....


तन्हाई के सहारे हम दोनों है।
अरे में तुम्हारी बात नहीं कर रहा
में इस चाँद की बात कर रहा हूँ जो मेरे हिस्से में है।
बेचारा मुरझा गया है।
तो फिर आओ कभी सितारों को साथ लेकर...
जब आओ तो वो मेरे दर्द की दवा लेती आना...
‪#‎तुम्हारी_मुस्कान‬....
-ब्लेंक राइटर

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