एक शाय़री

इन आँखों में मौहूब्बत की चमक आज भी है।साँसों में तेरी साँसों की महक आज भी है।तूफ़ा तू ज़रा सोच समझ कर आनासाखों पर परिंदों की चहक आज भी है।-ब्लेंक राइटर

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