शेर

मौहब्बत के ज़ख़्मों को दर्दों से सीता हूँ
में बदनाम शायर यथार्थ में जीता हूँ…..
इश्क़,धोका,आँसू फिर मौत
में आग के जाम हर रोज़ पीता हूँ

-ब्लेंक़ राइटर

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