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Showing posts from 2017

बाबू कुंवर सिंह

तस्करी

मानव तस्करी

तुम आओगी जिस दिन

मौहब्बत

अधूरी मौहब्बत

फिर धीरे धीरे

उसी से..

ये जान तुम्हारी है

सब्र

बहती हवाओं का रुझान

आँखे ,आँशु

ताज महल कोई नया..

हर बात निराली है

A beautiful message

हम बताएगे

आँखे

आपकी आवाज़

सुबह सुबह

World poetry day

World poetry day

वादा मौहोब्बत का

Up election

तुम

रास्ता जिंदगी का

आवाज़ तवाही की

लिख दूँगा

अधूरी मौहोब्बत

तुम

मुलाक़ात

इंतज़ार

जब मौहोब्बत

I love the way