जिस्म और इश्क़
मिलन की प्यास ना हो तो मौहब्बत का मज़ा कैसा
जो ना हो पास प्रियतम तो हों सावन भी पतझड़ सा
मौहब्बत जिस्म से ऊपर निकल जाए तो फिर क्या हों
जो ऐसा हो तो बन जाए प्रियतम ही खुदा जैसा...
-ब्लेंक़ राईटर
जो ना हो पास प्रियतम तो हों सावन भी पतझड़ सा
मौहब्बत जिस्म से ऊपर निकल जाए तो फिर क्या हों
जो ऐसा हो तो बन जाए प्रियतम ही खुदा जैसा...
-ब्लेंक़ राईटर
Comments
Post a Comment