ग़ज़ल

एक ख़्वाब अधूरा रहा , तुझे खोने के बाद
अब मुस्कुरा देता हूँ मैं , रोने के बाद....

सपने अब आँखो से दूर जा चुके है
आँखे खुली रहती है अब सोने के बाद...

फ़सल आएगी तो बिटिया बिहाएगी
किसान ने ये सोचा है बीज बोने के बाद...

दिल तो है ही नहीं , अरे था ही कब
तुझे पाने से पहले , तुझे खोने के बाद

मैं अब तुझे भूल चूका हूँ , ये याद है मुझे
मेरी भूल है ये मुझे याद होने के बाद
-ब्लेंक़ राइटर

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