दिन होगा चाँद का और सूरज की हर रात होगी
तो क्या अब मुलाक़ात होंगी...
पत्थर दिल से कोई बात होगी..
चाँद को जमीं पर हम ला नहीं सकते
मगर मिले हम तो सितारों की बारात होगी
गुलाबों की महक घुल जाएगी जीवन में फिर अपने
महक गर तेरे लबों की मेरे लबों के साथ होगी
फिर जब तुम उस पल मुझे सीने से लगाओगी
माँग को अपनी मिरे सिंदूर से सजाओगी
उस लम्हे में फिर फ़रिश्तों की जमात होगी
दिल होगा क़लम मेरा , हुस्न तेरा किताब होगी
जो यूँ हुआ तो फिर यक़ीं मानो मेरे दोस्त
दिन होगा चाँद का और सूरज की हर रात होगी
-ब्लेंक़ राईटर
पत्थर दिल से कोई बात होगी..
चाँद को जमीं पर हम ला नहीं सकते
मगर मिले हम तो सितारों की बारात होगी
गुलाबों की महक घुल जाएगी जीवन में फिर अपने
महक गर तेरे लबों की मेरे लबों के साथ होगी
फिर जब तुम उस पल मुझे सीने से लगाओगी
माँग को अपनी मिरे सिंदूर से सजाओगी
उस लम्हे में फिर फ़रिश्तों की जमात होगी
दिल होगा क़लम मेरा , हुस्न तेरा किताब होगी
जो यूँ हुआ तो फिर यक़ीं मानो मेरे दोस्त
दिन होगा चाँद का और सूरज की हर रात होगी
-ब्लेंक़ राईटर
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