श्रद्धांजलि

होली या दीवाली हो
या बहन ब्याहने वाली हो
वो भाई घर नहीं आता है
अपना कर्तव्य निभाता हैं....

वो बेटा जिसने लिया था प्रण
सबसे पहले आता वतन...
वो बेटा सरहद पर शहीद
होते होते कह जाता है....

जिस मिट्टी में हैं जन्म लिया
वो भारत ही मेरी माता हैं।

इस बार कहो उनसे जिनको
निंदा करना ही आता है
इस बार कहो उनको
जिनको अफ़ज़ल , कसाब भाता है...

इस बार ना तुम निंदा करना
जारी एक फ़रमान करो..
दे दो अब छूट जवानो को
शहादत का कुछ सम्मान करो

फिर देखो आगे क्या होगा
जो होगा ना कभी हुआ होगा
हम घर में घुस कर मारेंगे
धड़ से फिर शीश  उतारेंगे....

ना बचेगा कोई आतंकी
ना बचेगा कोई लश्कर
हिंदुस्ताँ की धरती पर फिर
ना घुसेगा कोई अफ़ज़ल

-ब्लेंक़ राइटर

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