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Showing posts from November, 2015

एक शायरी

एक शायरी

साथ

एक शायरी रोज़

एक शायरी

एक नगमा

वक़्त

तू....

ख़्वाब

महावीर स्वामी

नशा

खुदा...

रिश्ता

आज फिर

मेरी गुज़ारिश

हमें नवोदय हो...

मामूली सा है....

Eternity

एक शायरी

वो मुलाक़ात

कल

ग़रीबी

पल

दरवाज़े के उसपार

खाँसी, मफ़लर और केजरीवाल

Intolerance