वक़्त

वक़्त का हमने ऐसा खोफनाक मंज़र देखा है।
जिन्दगी के हाथो में मौत का खंज़र देखा है।
जिनकी दोस्ती से हरियाली थी मेरे चमन ऐ जिन्दगी में
उसी बस्ती को हमने आज बंज़र देखा है।
-ब्लेंक राइटर —

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