"हुस्न"

जब नहा कर तुम ज़ुल्फों से
अपनी पानी छटकाती होगी
ना जाने कितने दिलो पर
तुम बिजलियां गिराती होगी....


और सारा ग़ुरूर चाँद का
उसी वक़्त उतर आता होगा ज़मीं पर
जब तुम ज़ुल्फो को अपने
होंठो में अपने दबाती होगी...


ज़ुल्फ़ झटक ती होंगी
बिजलियां गिराती होंगी


सारी क़ायनात रुक जाती होगी उस पल
जिस पल तुम बालों को लपेटे बाहर आती होगी...


ज़ुल्फ़ झटक ती होंगी
बिजलिया गिराती होंगी।
-ब्लेंक राइटर

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