नाज़ुक लड़की
कुछ आँखे नम हो जाती है
कुछ सपने टूट से जाते है।
जब काली स्याह सी रातो में
कुछ अपने रूठ से जाते है।
उन अपनों के रूठे पन में सारा संसार समाया है
वो एक नाज़ुक सी लड़की है दिल जिसपर मेरा आया है।
कुछ बाते झूठी लगती है।
कुछ वादे सच्चे लगते है।
जब उजियारा हो जाता है।
पर तारे अच्छे लगते है।
उन तारों की सीतलता में हमने सुकून जो पाया है।
वो एक नाज़ुक सी लड़की है दिल जिसपर मेरा आया है।
हर वादा सच्चा लगता है।
सब कसमें सच्ची लगती है।
जब रिश्ते यूँ बन जाते है।
तब रश्में अच्छी लगती है।
उन झूठी सच्ची कसमों ने ही मन को मेरे भाया है।
वो एक नाज़ुक सी लड़की है दिल जिसपर मेरा आया हैं।
तुम हाँ हूँ करती रहती हो
हम लव यू लव यू करते है।
तुम जी जी पर आ जाती हो
हम मिस यू मिस यू करते है।
उस हाँ हूँ जी के नखरों पर फिर प्यार मुझे क्यों आया है।
वो एक नाज़ुक सी लड़की है दिल जिसपर मेरा आया है।
जब दिन में हम सो जाते है
पर आँखे रोती रहती है।
ना हिलती है ना डुलती है
पलकों पर सोती रहती है।
उन खाली खाली आँखों में कुछ सपनो का भी साया है।
वो एक नाज़ुक सी लड़की है दिल जिसपर मेरा आया है।
हर सपना पूरा होगा तब
जब मांग तेरी में भर दूँगा।
सब कुछ तेरा हो जाएगा
सब नाम तेरे में कर दूँगा।
हर फ़िज़ा में महके नाम तेरा मेरे नाम के साथ जो आया है।
वो एक नाज़ुक सी लड़की है दिल जिसपर मेरा आया है।
-ब्लेंक राइटर
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