एक नगमा

गर तेरे चेहरे का हम दीदार ना करते
गर अपनी हदों को पार ना करते ....
मौहब्बत एक खेल है गर ये जान जाते
तो कभी दिल को यूँ बेक़रार ना करते...

वफ़ा है तू रज़ा है तू
मेरे लिए एक हसीं सजा है तू
गर तू इतना हसीन ना होता तो
हम कभी तेरा इंतजार ना करते।

अपना दिल बेकरार ना करते
तुझे प्यार ना करते
मौहब्बत का इज़हार न करते
ये नगमा तैयार ना करते।
- ब्लेंक राइटर

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