हाथ थाम तो लो
तेरे दर पर हम साकित खड़े है।
रास्तों से पूछ कर कोई मुक़ाम तो लो
थक गए है चलते चलते तन्हा अकेले
ज़रा देर मेरा हाथ थाम तो लो
मोहब्बत तुम्ही से है और तुम्ही तक है।
बाहो में आओ मेरी बात मान तो लो
कुछ देर आग़ोश में रहो मेरे हमसफ़र
लबों से लबों का ज़ाम तो लो
बिन पिए ही बहक जाने दो अरमानों को
दिमाग़ को मार गोली दिल से काम तो लो...
जो ढक दे मेरी ज़मीं को तेरे आँचल से
ज़ुल्फों का घना काला आसमान तो लो...
सुनो जो चीर कर निकले इन फ़िज़ाहो से...
दबे होंठो से ही सही मेरा नाम तो लो....
सफ़र बहुत लंबा है हाथ थाम तो लो.....
मेरा नाम तो लो...
ये बात मान तो लो....
ब्लेंकराइटर
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